खाने के लाले हैं फिर भी तुर्की ने खराब बता लौटाया गेंहू, फिर भारत ने कर दिया कुछ ऐसा...

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

Turkey
गेहूं के सबसे बड़े आयातकों में से एक मिस्र, भारत सहित अन्य देशों से कम कीमत पर गेहूं खरीदना चाहता है। लाइव मिन्ट की रिपोर्ट के अनुसार तुर्की ने जिस गेहूं को गुणवत्ता खराब बताकर लेने से इनकार कर दिया था, उसे मिस्र भेज दिया गया है।

बहुत पुरानी कहावत है घर दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम। रूस यूक्रेन युद्ध के बाद तुर्की में गेहूं संकट पैदा हो गया था। लेकिन इसके बावजूद उसने 29 मई को गेहूं की खेप लौटा दी है। तुर्की के अधिकारियों ने भारतीय गेहूं की खेप लेने से इनकार कर दिया। तुर्की का कहना है कि इन गेहूं में रुबेला वायरस है। जिसके बाद भारत ने उसी गेहूं की खेप को मिस्त्र भेज दिया। 


गेहूं के सबसे बड़े आयातकों में से एक मिस्र, भारत सहित अन्य देशों से कम कीमत पर गेहूं खरीदना चाहता है। लाइव मिन्ट की रिपोर्ट के अनुसार तुर्की ने जिस गेहूं को गुणवत्ता खराब बताकर लेने से इनकार कर दिया था, उसे मिस्र भेज दिया गया है। भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था. इससे पहले ही भारत ने तुर्की के लिए गेहूं की 56,000 टन की खेप को मंजूरी दे दी थी।

एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत के गेहूं मे रुबेला वायरस पाए जाने की वजह से इसे लौटा दिया गया था। तुर्की द्वारा गुणवत्ता की चिंताओं की वजह से भारतीय गेहूं की खेप को नहीं लेने की खबरों के बीच खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि सरकार ने इस मसले पर तुर्की के अधिकारियों से विवरण मांगा है। उन्होंने कहा कि संबंधित निर्यातक आईटीसी लिमिटेड ने दावा किया है कि 60,000 टन की निर्यात खेप को सभी जरूरी मंजूरियां प्राप्त थीं। सचिव ने कहा कि इस बीच भारत द्वारा 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद पांच-छह देशों ने भारतीय गेहूं मंगाने का अनुरोध किया है और सरकार ने ऐसे देशों को अनाज के निर्यात के संबंध में मंजूरी देने के लिए एक समिति बनाई।