दिव्यांग युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पुलिस ने कहा कि इस मामले में किसी से शिकायत न करें

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

गाजियाबाद। कविनगर थाने के जिन इंस्पेक्टर और दरोगा की लापरवाही से लालकुआं क्षेत्र की दिव्यांग युवती के साथ अपहरण के बाद सामूहिक दुष्कर्म हुआ, उन्होंने जांच में अपनी गर्दन फंसते ही शिकायत वापसी का दबाव भी बनाया। युवती की मां का कहना है कि पहले झांसा दिया कि अगर वह एडीजी जोन को दिया शिकायती पत्र वापस ले लें, तो उनके बेटे को दरोगा बनवा देंगे। वह राजी नहीं हुईं तो आधी रात के बाद घर आकर धमकी दी कि इसका नतीजा अच्छा नहीं होगा। अगर एडीजी ने साथ न दिया होता तो पुलिसवाले उन्हें झूठे केस में फंसा देते।

युवती की मां का कहना है कि पुलिस उन्हें और उनके बेटे को 29 मार्च को थाना ले गई थी। इंस्पेक्टर ने बताया कि दोनों के खिलाफ ठगी की शिकायत है। पुलिस ने दो दिन जांच की लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिला। उन्हें दो दिन थाने में ही रखा गया। 31 को बेटी ने पुलिसवालों से कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे, मां और भाई को घर जाने दें, जब कहेंगे तब थाने आ जाएंगे। इस पर पुलिसवालों ने रात के एक बजे कहा कि घर जाकर भाई और मां का पहचान पत्र ले आओ।

बेटी रात दो बजे उनके आधार कार्ड लेकर घर से थाने आ रही थी। जिस ऑटो में बैठी थी, उसमें पहले से सवार दो युवक और ऑटो चालक उसका अपहरण कर ले गए और दादरी के जंगल में ले जाकर दो दिन बंधक बनाकर रखा। वहां तीनों ने दुष्कर्म किया। बेटी दो दिन बाद लहूलुहान हालत में लौटी, तब पुलिस ने कहा कि इस मामले में किसी से शिकायत न करें।
पुलिस ने तीनों आरोपी पकड़ लिए लेकिन किसी अफसर को न तो दुष्कर्म के बारे में बताया और न आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना दी। उन्होंने एडीजी से शिकायत की तो पुलिसवालों को कार्रवाई का डर लगने लगा। एडीजी ने जांच एएसपी हापुड़ को सौंप दी थी। कार्रवाई के डर से पुलिसवाले शिकायत वापसी का दबाव बनाते रहे लेकिन वह दबाव में नहीं आईं।
बिना परिचय पत्र के ही छोड़ दिया
युवती की मां ने बताया कि मोबाइल फोन छिनने से पहले बेटी ने अपहरण की सूचना दी थी। पुलिस को इसकी जानकारी दी तो उन्हें और उनके बेटे को छोड़ दिया गया। उनके परिचय पत्र भी नहीं मांगा। पोल खुलने के डर से पुलिस ने केस अपहरण में नहीं, बल्कि बहला-फुसलाकर ले जाने की धारा में दर्ज किया।
पुलिस के डर से बदला मकान
युवती की मां का कहना है कि पुलिसवाले कभी भी आ जाते हैं और दबाव बनाते हैं। उनके डर से उन्होंने किराये का मकान बदल दिया है। पुलिसवाले वहां भी आ गए तो उसे भी बदल दिया। सीएम और डीएम से भी पुलिसवालों की शिकायत की है।
दो दिन तक भूखा रखा बोलते ही पीटा जाता था
युवती की मां ने बताया कि बेटी को आरोपी युवकों ने दो दिन तक भूखा रखा। वह कुछ बोलती तो उसे पीटा जाता। पुलिस ने बुलंदशहर के निवासी भूपेंद्र और दादरी के शिवम और रोहित को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। भूपेंद्र ऑटो चालक है। दो दिन जंगल में रखने के बाद भूपेंद्र बेटी को अपनी बहन के घर ले गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट या गैंगस्टर एक्ट जैसी कोई कार्रवाई नहीं की है।
बयान
दुष्कर्म के मामले में लापरवाही बरतने पर निलंबित किए गए कविनगर थाना के एसएचओ आनंद प्रकाश मिश्रा, दरोगा गुडवीर और इच्छाराम के खिलाफ विभागीय जांच एसपी क्राइम को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - मुनिराज जी., एसएसपी
युवती के दो ऑपरेशन हुए, मां ने कर्ज लेकर कराया उपचार
गाजियाबाद। युवती की मां ने बताया कि दरिंदगी की शिकार बेटी की हालत बहुत गंभीर थी। उसके दो ऑपरेशन हो चुके हैं। इसके बाद भी ठीक नहीं है। ढाई महीने से ज्यादा हो गए लेकिन वह बिस्तर से उठ नहीं पा रही है। उसके उपचार के लिए दो लाख रुपये का कर्ज लेना पड़ा। बेटी बुरी तरह सहमी हुई है। बार-बार कहती है कि वह जीना नहीं चाहती है। युवती की मां का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। वह घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती है, इसी से परिवार का खर्च करता है। बेटी के इलाज के खर्च ने परेशानी और बढ़ा दी है। प्रशासन से मदद के लिए गुहार लगाई है लेकिन अभी तक कोई आश्वासन भी नहीं मिला है।