दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे जमीन मुआवजा से बड़ा निकला समितियों का भूमि घोटाला

   क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे जमीन मुआवजा से बड़ा निकला समितियों का भूमि घोटाला

Ghaziabad News: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे जमीन मुआवजा से बड़ा निकला समितियों का भूमि घोटाला

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे जमीन मुआवजा घोटाला से भी बड़ा दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अशोक संयुक्त सहकारी खेती समिति और अशोक सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा किया गया भूमि घोटाला है। इसका खुलासा होने के बाद से आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

अब इसकी फाइल जिला प्रशासन द्वारा तैयार की जा रही है, अब तक इन दोनों समितियों और सदस्यों के पास 600 बीघा पुख्ता से अधिक संपत्ति गाजियाबाद जिले में होने की जानकारी जिला प्रशासन को हुई है, इनमें से ज्यादातर जमीन पट्टे की है। जबकि नियम के तहत समिति का पंजीकरण निरस्त होने के बाद समिति के नाम की संपत्ति सन 1999 में ही सील हो जानी चाहिए थी। इस जमीन की कीमत अरबों रुपये में है।


दस सदस्य दोनों समितियों में

गाजियाबाद जिला प्रशासन की जांच में सामने आया है कि दोनों समितियों में कुल 32 सदस्य हैं, इनमें से 10 सदस्य ऐसे हैं। जिनका नाम दोनों समिति में है। इनमें भी छह सदस्य ऐसे हैं, जो कि अलग-अलग समिति में हैं, लेकिन रिश्ते में पति-पत्नी हैं।


यह है पूरा मामला

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए 2012 में जमीन अधिग्रहण के संबंध में 3-डी की अधिसूचना जारी की गई थी, इसके बाद डीएमई के लिए चिह्नित जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई थी। बावजूद इसके अधिकारियों और रसूखदार लोगों ने परिचितों के नाम किसानों से सस्ते दाम में जमीन खरीदी। फिर आर्बिटेशन वाद डाला, जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा और निधि केसरवानी ने मुआवजा 10 गुना से अधिक बढ़ा दिया था। जिस कारण खरीदार कुछ ही माह में करोड़पति बन गए।

मिली जानकारी के मुताबिक, यह घोटाला 22 करोड़ रुपये का बताया गया है। जबकि जमीनों की खरीद फरोख्त में अशोक संयुक्त सहकारी खेती समिति और अशोक सहकारी गृह निर्माण समिति का नाम सामने आया है, जिसमें अब तक चार एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी हैं।