क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

मेरठ। मेरठ में एयरपोर्ट को लेकर सरकार ने जैसे ही गंभीरता दिखानी शुरू की है, स्थानीय अफसरों ने जमीन का इंतजाम करने में उससे भी ज्यादा तत्परता से काम किया। एएआइ ने एयरपोर्ट के दोनों चरणों के विकास के लिए 500 एकड़ जमीन की मांग की थी। जिला प्रशासन ने मौजूदा हवाई पट्टी के आसपास चार गांवों में इस जमीन को तलाश लिया है। जमीन उपलब्ध है।
जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम शुरू
किस गांव में किसकी जमीन
- गगोल : गांव की 158.3127 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। जिसमें 17.7960 हेक्टेयर भूमि पहले से ही हवाई पट्टी के नाम है। मेरठ विकास प्राधिकरण की 0.2110 हेक्टेयर, 38.1330 हेक्टेयर भूमि वन विभाग, 8.8192 हेक्टेयर भूमि नाली चकरोड तथा 93.3535 हेक्टेयर भूमि किसानों की है। विश्वामित्र तीर्थ के नाम दर्ज तीन खसरों की भूमि नए प्लान की सीमा में आ रही है। जिसमें दो खसरों की 1.2400 हेक्टेयर भूमि पूर्ण रूप से तथा एक खसरा की भूमि आंशिक रूप से प्रभावित होगी।
- अजीजपुर : गांव में 9.3323 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। 0.1723 हेक्टेयर भूमि सरकारी चकरोड और नाली की है। जबकि 9.1600 हेक्टेयर भूमि किसानों की है।
- कंचनपुर घोपला : गांव में 43.2528 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। जिसमें 16.8970 हेक्टेयर भूमि पहले ही हवाई पट्टी के नाम है। 7.9220 हेक्टेयर एमडीए, 18.1366 हेक्टेयर वन विभाग की कल्लर और बंजर भूमि तथा 0.29 72 हेक्टेयर भूमि नाली चकरोड की सरकारी है।
- काशी : गांव की कुल 16.4355 हेक्टेयर भूमि नए संरेखण में शामिल है। 2.9990 हेक्टेयर पहले से ही हवाई पट्टी के नाम दर्ज है। 10.4594 हेक्टेयर एमडीए, 2.0365 हेक्टेयर जमीन पराग फैक्ट्री, 0.2660 नाली चकरोड की सरकारी तथा 0.6746 हेक्टेयर भूमि किसानों की निजी भूमि है।
ऐसे होगा 500 एकड़ का इंतजाम
गांव काशी कंचनपुर घोपला अजीजपुर गगोल
जरूरत 16.4355 43.2528 9.3323 158.3127
अधिग्रहीत और आरक्षित भूमि 2.9990 16.8970 00.0000 17.7960
अधिग्रहण की जाने वाली भूमि 13.4365 26.3558 9.3323 140.5167
नोट: भूमि की माप हेक्टेयर में है।
ऐसे बनेगा एयरपोर्ट
कुल आवश्यक भूमि 227.3333 हेक्टेयर
अधिग्रहीत भूमि 37.6920 हेक्टेयर
अधिग्रहण की जाने वाली भूमि 189.6413 हेक्टेयर
अधिग्रहण के लिए आवश्यक राशि 931.53 करोड़
इनका कहना है
एएआइ ने जितनी जमीन की मांग की थी हमने उतनी जमीन का हिसाब तैयार कर लिया है। इसमें किसानों की निजी, एमडीए, वन विभाग, सरकारी नाली चकरोड और संस्था की भूमि शामिल है। अब एएआइ उक्त भूमि का जहाज की उड़ान और उतरने के लिए सुरक्षित कारीडोर के लिए परीक्षण करेगी। उसके ग्रीन सिग्नल के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
- संदीप भागिया, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट