क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
हांगकांग के लोग आज भी भारतीयों से नफरत करते हैं क्यों ??
क्योंकि वहां रहने वाले कुछ लोगों के अनुभव:
हांगकांग में करीब एक वर्ष बिताने पर एक भारतीय महानुभाव की कई लोगों से दोस्ती हो चुकी थी परंतु फिर भी उन्हें लगा कि वहां के लोग उनसे कुछ दूरी बनाकर रखते हैं!!
किसी दोस्त ने कभी उन्हें अपने घर नहीं बुलाया ??
उन्हें यह बात बहुत अखर रही थी तब आखिर एक करीबी दोस्त से उन्होंने पूछ ही लिया!!
थोड़ी टालमटोल करने के बाद उसने जो बताया उससे
उन भारतीय महानुभाव के तो होश ही उड़ गए।
हांगकांग वाले दोस्त ने पूछा “200 वर्ष राज करने के लिए कितने ब्रिटिश भारत में रहे ?”
भारतीय महानुभाव ने कहा“10, 000 रहे होंगे”
“तो फिर 32 करोड़ लोगों को यातनाएं किसने दी, इतने साल राज करने के लिए ?
वह आपके अपने ही तो लोग थे न ?
जनरल डायर ने जब “ फायर” कहा तब 1300 निहत्थे लोगों पर गोलियां किसने_दागी ??
ब्रिटिश सेना तो वहां नहीं थी??
क्यों एक भी बंदूकधारी पीछे मुड़ कर जनरल डायर को नहीं मार पाया ??
और कितने मुगल आए थे उन्होंने कितने वर्ष तक भारत पर राज किया और भारत को गुलाम बनाकर रखा और आपके अपने ही लोगों को धर्म परिवर्तन करवा कर मुसलमान बना कर आप के ही खिलाफ खड़ा कर दिया । जो कुछ पैसे के लालच में अपनों पर ही अत्याचार करने लगे अपनों के साथ ही दुराचार करने लगे ??
आपके अपने ही लोग कुछ पैसे के लिए अपने ही लोगों को सदियों से मार रहे हैं ??
आप के इस स्वार्थी धोखेबाज, दगाबाज, मतलबपरस्त, 🍁 दूसरे के साथ यारी और भाई से गद्दारी, इस प्रकार के व्यवहार के लिए हम भारतीय लोगों से सख्त नफ़रत करते हैं...जहां तक संभव है हम भारतीयों से सरोकार नहीं रखते ??
🏵️ आज भी कुछ कुत्ते भारत में हिंदुत्व का विरोध करते हुए मिल जायेंगे.....
जब ब्रिटिश हमारे देश हांगकांग में आए तब एक भी व्यक्ति उनकी सेना में भरती नहीं हुआ क्योंकि उसे अपने ही लोगों के विरुद्ध लड़ना गंवारा नहीं था ??
यह भारतीयों( स्पेशली हिंदू ) का दोगला कैरैक्टर है कि बिना सोचे समझे पूरी तरह बिकने के लिए तैयार रहते हैं ??
आज भी भारत में यही चल रहा है !!..लाखों हिंदू हिंदूवादी ताकतों का विरोध करते हुए तो मिल जायेंगे....लेकिन..मुस्लिम मुस्लिम ताकतों का विरोध करते कोई भी शायद मिले
विरोध हो या कोई और मुद्दा, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में और खुद के फायदों वाली गतिविधियों में राष्ट्र हित को हमेशा दोयम स्थान देते हो तुम्हारे लिए मैं और मेरा परिवार पहले रहता है समाज और देश जाए भाड़ में !
बात कड़वी है पर सही है !!