जहाँ सुख की धारा बहकर शीतलता प्रदान कर रही है वहाँ शीतल बयार भी आनन्द की प्रवाहित हो

  क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141
अनिला सिंह आर्य

भाइयों बहनों हम सभी सुखदुख , जीवन मृत्यु के मध्य हिचकौले खाते हैं ।

सुख हमें दीन दुनिया भुलाने का काम करता है तो दुख सब को याद करता है ।
यही स्थिति जन्म और मृत्यु के समय होती है ।
निश्चित रूप से अकाल कष्ट ,अव्यवस्था से उपजा कष्ट ,लापरवाही के परिणाम से हुई पीड़ा असहनीय होती है ।
समाज में जहाँ भी कष्ट के काँटे उगे या दुखों का पहाड़ टूटा हम उनके लिए दिल से दुखी हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं की उन्हें धैर्य प्रदान करें।
और जहाँ सुख की धारा बहकर शीतलता प्रदान कर रही है वहाँ शीतल बयार भी आनन्द की प्रवाहित हो।
अनिला सिंह आर्य।