क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

लखनऊ। करीब 14 साल बाद अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी फिल्म 'निकम्मा' के जरिए बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं। 17 जून को रिलीज होने वाली फिल्म के प्रमोशन के लिए शिल्पा शेट्टी शनिवार को लखनऊ में थीं। इस दौरान निर्देशक शब्बीर खान और कलाकार अभिमन्यु दसानी, शर्ली सेतिया भी मौजूद रहे।
- करीब 14 साल बाद आप बड़े पर्दे पर नजर आएंगी। इतने समय तक सिल्वर स्क्रीन से दूर रहने का कारण क्या रहा?
- मैंने खुद निर्णय ले लिया था कि थोड़ा वक्त लगाकर वापस फिल्मों में आऊंगी। मैंने शादी की। मैं जीवन के इस पड़ाव का आनंद लेना चाहती थी। मुझे लगा कि बच्चों के साथ समय गुजारना चाहिए। सात साल की उम्र तक बच्चों को किसी भी दिशा में मोड़ सकते हैं, इस अहम समय में मैं उनके साथ रहना चाहती थी। मां बनी थी तो कई चीजें सीखनी भी थीं, इस कारण से भी मैंने फिल्मों से दूरी बना ली थी।
- इस दौरान क्या किसी रोचक फिल्म का आफर नहीं आया?
- ऐसा नहीं था कि मुझे आफर नहीं आते थे, पर इस तरह के रोचक किरदार नहीं होते थे। मुझे 'निकम्मा' फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद आई। मुझे अब ऐसी फिल्में करनी हैं, जो परिवार के साथ देखी जा सकें। मेरी प्राथमिकता हीरोइन केंद्रित फिल्म नहीं है, बस किरदार अच्छा होना चाहिए। लोगों को मजा आना चाहिए।
- इस फिल्म और अपने किरदार के बारे में थोड़ा बताइए।
- फिल्म भाभी और देवर के संबंध को एक्सप्लोर करती है। मुझे लगता है कि सूरज बडज़ात्या के अलावा किसी ने इसे खूबसूरती से नहीं दिखाया है। इस फिल्म में भाभी देवर के संबंध में भी थोड़ा ट्विस्ट है। यहां पर तकरार है, अलग फ्लेवर है। माडर्न तड़के के साथ इस किरदार को पेश किया गया है।
- फिल्म से दूरी थी, पर टीवी पर आप लगातार बनी रहीं। कैसे अनुभव रहा?
- टीवी फिल्म की तुलना में सरल है। मैं नहीं चाहती थी कि लोग मुझे भूल जाएं। मेरी पहचान जो आज नई पीढ़ी के बीच बनी है, वह टीवी के कारण ही है। टीवी पर कोई निर्देशन नहीं है, शो को हम चला रहे। फिल्मों में आपको निर्देशन की जरूरत होती है। टीवी के जरिए लोग किसी किरदार को नहीं, मुझे पसंद कर रहे हैं। मुझे तो लगता है अब लोगों को मुझसे ज्यादा प्यार हो गया है।
- इतने लंबे समय में आप दर्शकों की रुचि में क्या बदलाव देखती हैं?
- पहले दर्शक इतनी बारीकी से हर चीज को नहीं देखते थे। अब दर्शक ज्यादा समझदार हो गए हैं। ट्रेलर को सूंघकर बता देते हैं कि फिल्म अच्छी है या बुरी है।
- आपकी योग यात्रा कैसे शुरू हुई?
- करीब 18 साल पहले मुझे सर्वाइकल स्पान्डिलाइटिस हो गया था। मुझे कहा गया कि यह जिंदगी भर रहेगा, आप सतर्क रहें। तब मेरे फीजियोथेरेपिस्ट ने योग करने की सलाह दी। मैंने योग करना शुरू किया, तब लगा कि योग एक विज्ञान है, जो सिखाता है कि आपका दिमाग आपके शरीर से ज्यादा ताकतवर है। जिंदगी में कितने भी उतार-चढ़ाव आएं, योग के कारण मुझमें अब एक स्थिरता आ गई है।
- योग दिवस करीब है। आप कुछ संदेश देना चाहें।
- मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने योग को इतना महत्व दिया है कि एक पूरा दिन ही योग के नाम कर दिया, लेकिन योग को सिर्फ एक दिन सेलिब्रेट न करके इसे लाइफ स्टाइल की तरह जिएं। योग करना ही बस जरूरी नहीं है, अच्छा सोचो, अच्छा करो, वैसे हम जिएं तो समाज भी बेहतर होगा। मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की होती है कि जब कोई मुझे आकर कहता है कि आपका वीडियो देखकर मैंने वजन घटाया। हम किसी के काम आते हैं तो अच्छा लगता है। फिल्म के जरिए हम किसी को हंसाते, रुलाते हैं, मनोरंजन कर पाते हैं। किसी की जिंदगी पर हमारे काम से अच्छा असर पड़ जाए, इससे बढ़कर खुशी कोई नहीं।
- इतना काम करने के बाद भी कोई किरदार या किसी तरह की फिल्म जो करने की इच्छा अभी बाकी हो?
- मैं एक्शन फिल्म करना चाहती हूं। पहले हीरोइन पर इतना पैसा नहीं खर्चा करते थे, अब हीरोइनों पर भी खूब पैसा लगाया जाता है। मैं ऐसा कोई किरदार निभाना चाहती हूं जो मनोरंजन करने के साथ ही बच्चों को भी प्रेरित करे।