रिपोर्ट तो लिखवा दो

   क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

रिपोर्ट तो लिखवा दो 

 दनकौर, राजेश बैरागी.  दनकौर थाना गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस के दायरे से बाहर है? यह प्रश्न इसलिए उत्पन्न हुआ है कि गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर ने इस महीने की पहली तारीख को सभी थानों पर आने वाली शिकायतों को एक रजिस्टर में दर्ज करने और उनकी पावती पीड़ित को प्रदान करने का आदेश जारी किया था। उससे अगले दिन थाना दनकौर क्षेत्र के एक गांव में रात्रि में किसी कार्यक्रम में आए एक व्यक्ति की मोटरसाइकिल चोरी हो गई। वह व्यक्ति तब से रिपोर्ट लिखाने के लिए पुलिस के चक्कर लगा रहा है।


उसे लिखित तहरीर की पावती देना तो दूर, तहरीर ही गायब कर दी गई। उसने फिर तहरीर लिखी तो दरोगा जी ने उसे घटना पांच जून यानी तीन दिन बाद की लिखने के लिए कहा।न केवल कहा बल्कि हड़काया भी। पुलिस कमिश्नर के आदेश को लेकर मैंने दो जून को ही पोस्ट लिखी थी।उस पोस्ट पर मेरे वरिष्ठ मित्र सेवानिवृत्त विधि अधिकारी आर एन श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया दी थी, 'पुलिस कमिश्नर का आदेश थाना चौकियों पर नहीं चलता।' उन्होंने आगे लिखा, 'दिल बहलाने को यह ख्याल अच्छा है।' मैंने उनकी प्रतिक्रिया को ज्यादा भाव नहीं दिया था परंतु उनका अनुभव मुझसे ज्यादा था। अपराध को आसानी से आंकड़ों में कम किया जा सकता है।गत 7 जून को नोएडा में सुबह की सैर पर निकलीं दो महिलाएं सोने की चैन छिनवा बैठीं। एक दैनिक समाचार पत्र में इन घटनाओं की प्रकाशित खबर के साथ बताया गया है कि ऐसी घटनाएं खूब हो रही हैं परंतु पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती। क्या पुलिस को अपने स्थानीय सर्वोच्च अधिकारी के आदेश की कोई परवाह नहीं है? आदेश में तो ऐसा कहीं नहीं लिखा था।