महिलाओं की ताकत बढ़ी तो मानसिक तनाव भी बढ़ा, पुरुषों की तुलना में चार फीसदी ज्यादा

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम-'जेंडर गेप रिपोर्ट 2022: निजी से लेकर सरकारी क्षेत्र में बढ़ी महिलाओं की भूमिका
भोपाल. दुनिया में लीड़रशिप रोल में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 'जेंडर गेप रिपोर्ट 2022' के मुताबिक पिछले पांच सालों में तीन फीसदी बढ़ोतरी हुई है। 2016 में महिलाओं की हिस्सदेरी 33.3 फीसदी थी जो कि इस बार 36.9 प्रतिशत दर्ज की गई है।
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हालांकि ये भूमिका सिर्फ चुनिंदा इंडट्रीज में ही बढ़ी है जहां पहले से ही महिलाओं की हिस्सेदारी अच्छी है। महिलाओं की हिस्सेदारी अभी भी शिक्षा और स्वास्थ के क्षेत्र में ज्यादा दर्ज की गई है। जबकि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्रों में अभी भी पुरूषों की हिस्सेदारी ज्यादा है।


सरकार में दोगुनी बढ़ी हिस्सेदारी

वहीं पिछले 15 सालों में दुनिया के भीतर मंत्रिस्तरीय पदों पर महिलाओं की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है। 2006 में इसका आंकड़ा 9.9 फीसदी था जो कि 2022 में बढ़कर 16.1 फीसदी हो गया है। संसद में भी महिलाओं की वैश्विक औसत हिस्सेदारी 14.9 फीसदी से बढ़कर 22.9 फीसदी हो गई है। हालांकि विश्व को लैंगिक समानता तक पहुंचने में अभी 132 साल लगेंगे। अभी यह केवल 68 फीसदी तक पहुचा है।



महिलाओं की ताकत बढ़ी तो मानसिक तनाव भी बढ़ा

रिपोर्ट कहती है, महिलाओं की ताकत बढ़ने के साथ उनका मानसिक तनाव भी बढ़ गया है। पिछले साल की तुलना में इस बार महिलाओं में पुरुषों से चार फीसदी तनाव अधिक पाया गया है।


146 देशों में से भारत नीचे से 11वें पायदन पर

— 146 देशों में भारत 135वें पायदान पर है, जबकि 2021 में भारत 156 देशों में से 140 वें स्थान पर था।
— 143वीं रैंक हासिल की है महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में, जो नीचे से चौथी है।
— 48वें नंबर पर पूरी दुनिया में राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में।
— 146वां नंबर महिलाओं के स्वास्थ्य के मामले में, सबसे आखिरी है।
— 107वां नंबर महिलाओं की शिक्षा के मामले में
— 0 से 1 के पैमाने पर देश ने 0.629 अंक हासिल किए हैं, जो कि मामूली सुधार के साथ है।