क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
चांद (कविता)
ये तेर चांद, वो मेरा चांद
ये देखो ठंडक भरा चांद
पानी मे नहाता हुआ चांद
ये सफर मे जाता हुआ चांद
गीतों को गाता हुआ चांद
ये तेरा चांद.................
वो नीम के पेड पे रुका चांद
कोने के घर पे छिपा चांद
ये ठंडी बर्फ सा ढला चांद
ये तेरा चांद....................
.है मुसलमान की ईद चांद
ये करवा चौथ की दीद चांद
ये मक्के मदीने वाला चांद
ये शिव मस्तक पे सजा चांद
ये तेर चांद...................
प़ियतम के मन मे बसा चांद
मां की ममता मे रसा चांद
मम्मी पापा के बच्चे चांद
देखो कितने है चांद चांद
ये तेर चांद .....................