क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
नूपुर शर्मा प्रकरण ने वह कर दिया जिसे कोई नही कर पाया !
27 मई 2022 को एक टीवी डिबेट में हिन्दू आदि भगवान शिव को लेकर चल रही बहस में एक मौलाना के द्वारा भगवान शिव का अपमान करने से बौखलाई भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने मोहम्मद साहब पर एक टिप्पणी क्या की, कि जैसे बवाल हो गया। देश भर के मुस्लिमो को कट्टरपंथियों ने एक साथ खड़ा करके जगह जगह विरोध प्रदर्शन किये, उग्र आंदोलन किये और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। बात यही तक ही नही रुकी, भारत के पड़ोसी मध्य पूर्व एशियाई देशों तक ने भारत को नूपुर शर्मा को लेकर विरोध दर्ज कराया और भारत सरकार को बैकफुट पर आने के लिए मजबूर किया। नूपुर शर्मा ने माफी भी मांग ली और भाजपा ने उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखा दिया फिर भी उदयपुर एवम अमरावती में कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा धोखे से हिन्दू युवको कन्हैया लाल एवम उमेश का सिर तन से जुदा कर दिया गया। इसके बाद अजमेर शरीफ के खाड़ी। सलमान चिश्ती द्वारा रोते हुए एक वीडियो जारी किया गया जिसमें नूपुर शर्मा का सिर लाने वाले को उसने अपना घर एवम जमीन देने की बात कही।
कुछ समय के लिए तो लगने लगा था कि इन घटनाओं से तो देश मे अराजकता फैल जाएगी परन्तु जिस तरह से उदयपुर एवम अजमेर में हिंदुओं द्वारा कदम उठाया गया, उससे मुस्लिमो का जमीन पर आ जाना तय हो गया है। चार दिनों पूर्व पहले तो अजमेर के हिन्दू व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद करके नूपुर शर्मा का समर्थन किया और उसके बाद अजमेर के हिंदुओ ने मुस्लिम दुकानदारों से खरीददारी बन्द कर दी तथा हिंदुओ ने हजरत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर आना बंद कर दिया। इसी प्रकार उदयपुर एवम उसके आसपास के क्षेत्रों में हिंदुओं ने मुस्लिमो के ढाबो, रेस्टोरेंट एवम होटलों में जाना बंद करके मुस्लिम समाज को एक सख्त संदेश दे दिया है कि यदि हिन्दू अपनी पर आ गए तो मुस्लिमो को जीना मुश्किल हो जाएगा। मुस्लिम समाज एवम उनके कट्टरपंथी धर्म गुरुओं को अब सोचना चाहिए कि उन्हें कट्टरपंथ का मार्ग छोड़कर हिन्दू समाज के साथ बेहद सौहार्द से रहना होगा तथा नूपुर शर्मा के बयान जैसे महत्वहीन मुद्दों को छोड़कर देश की मुख्यधारा एवम राष्ट्रवाद से जुड़ना होगा अन्यथा यदि उदयपुर एवम अजमेर की भांति हिन्दू समाज ने देश के अन्य भागों में भी मुस्लिमो का बहिष्कार करना प्रारंभ कर दिया तो इस समाज को बहुत अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, जरा सोचिए….
- डॉ मुकेश गर्ग
( लेखक एक स्वतंत्रत उद्यमी, विचारक, ब्लॉगर एवम यू ट्यूबर है)