तबादलों में भ्रष्टाचार से परेशान Yogi सरकार के ही मंत्री, इस्तीफा देकर खोल रहे पोल, चर्चा में आए ये नाम भी

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

यूपी में योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद आ रही तबादलों की घटना ने सियासी माहौल में हलचल मचा दी है। यूपी सरकार में मंत्रियों की अपने ही अफसर से नहीं बन रही। जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की खबर है। वहीं, जितिन प्रसाद और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की भी नाराजगी की अपनी वजह हैं।

योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने कामकाज का बंटवारे और तबादलों में भ्रष्टाचार के कारण इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि विभाग में उनकी सुनी नहीं जाती। उन्होंने कहा है कि दलित होने के नाते उनके साथ भेदभाव होता है। यहां तक कि तबादले भी भ्रष्टाचार से भरे हुए हैं। सिंचाई और जलशक्ति विभाग में तबादलों में भ्रष्टाचार हुआ है। नमामि गंगे के तहत विभाग में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है। उन्होंने अपील की है कि जलशक्ति विभाग की जांच किसी एजेंसी से कराई जाए। मंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजा है। वहीं, जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) और ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) की नाराजगी की अपनी वजहें हैं। उन्होंने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और यूपी में ट्रांसफर पर नाराजगी जताई है।

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जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने आरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती, न ही उन्हें किसी बैठक में बुलाया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यमंत्री के अधिकार के तौर पर सिर्फ गाड़ी दी गई है। इतने से ही राज्यमंत्री के कर्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझा जाता है। विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं और उस पर क्या कार्यवाही हो रही है, इसकी भी सूचना उन्हें नहीं दी जाती।

तबादलों में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार

मंत्री दिनेश खटीक ने ट्रांसफर के मामलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। तबादलों में गड़बड़ी को लेकर जब उन्होंने अधिकारियों से जानकारी मांगी तो उन्हें इसकी सूचना अभी तक नहीं दी गई। प्रमुख सचिव सिंचाई पर आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि जब फोन करो तो बिना पूरी बात सुने ही फोन काट दिया। उन्होंने कहा कि उनके पत्रों का भी जवाब नहीं दिया जाता। उनके द्वारा लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही नहीं होती।
योगी 2.0 में ब्रजेश पाठक काफी एक्टिव दिख रहे हैं। लगातार स्वास्थ्य विभाग को आम लोगों से कनेक्ट करने की कोशिश करते दिख रहे हैं। लेकिन, विभागीय अधिकारी उनकी सुन ही नहीं रहे। ऐसे में उनकी नाराजगी उभर कर सामने आ गई है। पिछले दिनों विभागीय स्तर पर हुए तबादलों के बाद उनका गुस्सा साफ दिखा था। अधिकारियों के स्तर पर उनसे बिना राय लिए तबादले कर दिए गए। सीएम योगी के सामने जब उन्होंने मामला उठाया तो विवाद बढ़ गया। डिप्टी सीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई की बात कर रहे हैं