क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
मोदीनगर. 26 अगस्त महिला समानता दिवस पर पर सभी महिलाओं का अभिनन्दन। 26-8-1971 तिथि अमेरिका ने महिला समानता दिवस के रूप में मनाने के लिये निश्चित हुई।
बात विचारणीय है कि ये दिवस क्योंकर मनता हैं।
समाज में एक वर्ग हावी व दूसरा दमित हो तो उसके लिये आवाज उठनी लाजिम है ।बस एक दिन तय हो जाता है शोषित के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर।
बहुत ही विशाल विषय है जो जन्म धात्री है,पालक है, प्रथम गुरू है वही शोषित है।
विडम्बना है कि उसी का आज भी लिंग परीक्षण पश्चात भ्रूण हत्या जैसा जघन्य पाप कानून को ठेंगा दिखाते हुए होता है।
पुरुष की गलतियाँ गलती नहीं, चरित्र का कोई परीक्षण नहीं परंतु महिला की एक भूल भावुकता की अक्षमनीय है,सीता काल की तरह अग्नि परीक्षा से गुजरने के साथ सामाजिक अपमान जनक निगाहों का सामना भी करना पड़ता है।
परंतु समाज सदैव दो पहलुओं में अलग परिदृश्य के साथ चलता है।एक ओर जहाँ चरित्र की अनेक परिधियां है वहीं दूसरी ओर एक ऐसा सम्पन्न वर्ग है जहाँ कोई मर्यादा जो हमने बनाई सांस ही नहीं लेती।वहां दिल की दुनिया है। वहां अर्थ तंत्र सुदृढ़ है ।महिला समानता के आंगन में है ।दूसरी ओर जहाँ आश्रित है अर्थ के लिये वहाँ आंगन में तो है परंतु बेड़ियां अनेक हैं कि चल ही नहीं पाती।
बेटी आज भी पराया धन है चाहे कितनी भी आप योग्य बना दे, आज भी वंश बेटे से ही चलेगा चाहे कितना भी नालायकी हो जो सब बेच खाये।
परंतु फिर भी अनेक विपरीत परिस्थितियों में भी वह दुनिया में योग्यता का परचम लहराती है चाहे बचपन में शोषण का शिकार हुई हो चाहे तेजाब ने पीड़ित हुई हो चाहे परिवार व समाज से उपेक्षित हुई हो परंतु उसने समानता दिवस को सार्थक किया है।आपको चलते हुए बता दें कि लोकतंत्रीय चुनाव में महिलाओं को विशेष प्रचार का पृथक दायित्व मिला जिसमें भी वह सफल हुई।
एक बात जो हम हमेशा कहते हैं आज भी कहते हैं कि परिवार संवेदनशीलता से बनते हैं।वह जुड़ते हुए अपनी जमीन को न छोड़ते हुए नभ छूना चाहती है।
अपने घरों में उसके नाम की पट्टी अवश्य लगे जिससे अपनेपन का अहसास हो।
सभी को महिला दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनायें और बधाई