क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा लेने में फर्जीवाड़ा करने वाली सहकारी समितियों का ब्यौरा खंगालना एसआईटी ने शुरू कर दी है। मेरठ स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय से अब ब्यौरा मांगा गया है। यह भी जांच की जा रही है कि यह समितियां अब तक कितनी जमीन की खरीद-फरोख्त कर चुकी है। फिलहाल जांच में पता चला है कि गाजियाबाद जिले में समिति के नाम करीब 600 बीघा जमीन है।
एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया है कि मुआवजे घोटाले में शामिल करने वाली अशोक सहकारी गृह निर्माण समिति सन 1974 में बनाई गई थी। इसके बाद भी समितियों का पंजीकरण कराया गया। हालांकि 1999 में अशोक सहकारी गृह निर्माण समिति का पंजीकरण निरस्त हो चुका था। इसके बावजूद इस समिति के माध्यम से जमीनों की खरीद फरोख्त की गई। इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से समितियों के पदाधिकारियों और जमीनों का मुआवजा लेने वालों के खिलाफ 12 एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन मामलों में अब कोर्ट में सुनवाई होगी। ऐसे में अब एसआईटी समितियों की ओर से की गई जमीनों की खरीद-फरोख्त के साथ-साथ समितियों के पंजीकरण के संबंध में भी सत्यापित दस्तावेज जुटाने में लगी है। एडीएम ऋतु सहास का कहना है कि समिति के पंजीकरण से संबंधित दस्तावेज मेरठ से मंगाए जा रहे हैं। इन दस्तावेजों से समितियों और उनमें शामिल रहे पदाधिकारियों की जानकारी जुटाई जा रही है।