क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
वरिष्ठ अधीक्षक पासपोर्ट दीपक चंद्रा ने बताया कि खोए हुए पासपोर्ट के मामलों में विदेश मंत्रालय की तरफ से असली दस्तावेजों का सत्यापन अनिवार्य रूप से करने के निर्देश हैं। पासपोर्ट खोने का झांसा देकर कोई भी शख्स फर्जीवाड़ा कर पासपोर्ट बनवाकर उसका दुरुपयोग न कर सके।
इसीलिए यह व्यवस्था लागू है। जो आवेदक असली दस्तावेज लेकर नहीं आते हैं। उनकी फाइल होल्ड कर दी जाती है, जिससे उन्हें पासपोर्ट बनवाने में समय लगता है और परेशान होना पड़ता है।
इसलिए जरूरी है असली दस्तावेज लेकर जाना
दरअसल, पूर्व में देश भर में कई इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं कि लोगों ने भारत में पासपोर्ट बनवाकर विदेश में बैठे जालसाजों को बेच दिए, जिसका उनके द्वारा गलत इस्तेमाल किया गया। भारत में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिम भी लोगों को लालच देकर इसी तरह उनका पासपोर्ट खरीद लेते हैं और छेड़छाड़ कर फोटो, नाम, पता सब अपना दर्ज कर लेते हैं।
प्रतिमाह 400 से ज्यादा आवेदन आते हैं ऐसे
पासपोर्ट खोने पर दोबारा से बनवाने वाले आवेदन प्रतिमाह 400 से ज्यादा पासपोर्ट कार्यालय में आते हैं। इनमें से 90 प्रतिशत आवेदक एफआइआर की असली प्रतिलिपि व पते और शिक्षा संबंधित असली दस्तावेज लेकर नहीं आते हैं। इस कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह 13 जिले आते हैं गाजियाबाद पासपोर्ट कार्यालय के अंतर्गत
गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अंतर्गत आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली 13 जिले आते हैं।
गाजियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी सुब्रतो हाजरा ने बताया कि पासपोर्ट बेहद महत्वूपर्ण दस्तावेज है। कोई भी गलत तरीके से पासपोर्ट बनवाकर इसकी दुरुपयोग न कर सके। इसीलिए विदेश मंत्रालय के निर्देशानुसार पासपोर्ट खोने की स्थिति में दोबारा बनवाने के दौरान असली दस्तावेज लेकर आना अनिवार्य है।