चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में सेमिनार और काव्य गोष्ठी का आयोजन

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

मेरठ, प्रवीण सरीन : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के प्रेमचंद सभागार में आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत "आजादी और अदब" शीर्षक से एक विशेष संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कला संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी एवं अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विकास शर्मा रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ फारुख शेरवानी द्वारा तिलावत से किया गया तथा नात उजमा परवीन ने पेश की। इस अवसर पर आजादी और अदब विषय पर डॉ. इरशाद स्यानवी, डॉ. अलका वशिष्ठ, डॉ. शादाब अलीम एवं डॉ आसिफ अली ने अपने-अपने शोध प्रपत्र पढ़े। मुख्य अतिथि प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि "वही शायरी जिंदा रहती है जो देश के सरोकारों से जुड़ी हो। हमें चाहिए कि हम जाति, धर्म, वर्ण, संप्रदाय से ऊपर उठकर केवल देशहित के विषय में सोचें और साहित्य सृजन करें।" प्रो. विकास शर्मा ने कहा "हम सब साहित्यकारों और शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि हम सही गलत को पहचानें और अलग-अलग खेमों में ना बँटकर एक धारा में चलें  तभी हम सही ढंग से आजादी का महोत्सव मनाने के हकदार होंगे।




" कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. असलम जमशेदपुरी ने कहा कि "आजादी के आंदोलन में सभी देशवासियों ने मिलकर आजादी की अलख जगाई। उसमें  न कोई हिंदू था,ना कोई मुस्लिम, सबके अपने-अपने तरीके थे, सब आजादी के मतवाले थे, सभी के दिलों में आजादी का जज्बा कूट-कूट कर भरा था। अदीबो ने मुल्क की आजादी के लिए एक सुर में नगमे गाए। हम सब आपसी सौहार्द्र से मिलकर चलें तो दुनिया की कोई ताकत हमें एक दूसरे से जुदा नहीं कर सकती और हम हर वर्ष इसी प्रकार आजादी का महोत्सव मनाते रहेंगे। काव्य गोष्ठी का आरंभ नवोदित कवित्री स्वाति शर्मा की कविता से हुआ उन्होंने अपने दिल में बसे भारत की तस्वीर पेश की। वह भारत को विश्व गुरु के रूप में देखना चाहती हैं। 

कार्यक्रम का संचालन रूजा खान और सैयदा मरियम इलाही ने संयुक्त रूप से किया। अंत में उज्मा परवीन ने उपस्थित मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ अंग्रेजी, हिंदी एवं उर्दू विभाग के अनेक छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। सभी ने हर्षोल्लास के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाने में सहयोग किया।