क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
लखनऊ, चन्द्रप्रकाश गोविल। किसी की काम को लेकर मिशन मोड में रहने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को फील्ड में तैनात अफसरों का हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने जिलों का दौरा करने के दौरान फील्ड में तैनात अफसरों की परेशानी को देखा तथा समझा भी है। उन्होंने शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों की समीक्षा की और फील्ड अफसरों के अभिभावक की तरह ही नजर आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फील्ड में तैनात किसी अधिकारी को जनहित के कार्यों में किसी असुविधा पर शासन स्तर से अपेक्षित सहयोग न मिले तो बेहिचक मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित करे। उनकी समस्याओं को सुनने व समाधान करने के लिए मैं स्वयं सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध रहूंगा। विकास कार्य को लेकर भी उन्होंने कहा कि सभी जगह इसकी गति बढ़ाएं। इसके बाद भी यदि धनाभाव है तो मुझसे बताएं, मैं वित्तीय प्रबंधन करूंगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने फील्ड यानी जिलों में तैनात अधिकारियों की दिक्कत को समझा है। आज प्रदेश भर के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में उन्होंने दो टूक कहा कि जनहित के कार्यों में असुविधा हो रही हो, शासन स्तर से सहयोग न मिल रहा हो तो मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित करें। मैं खुद चौबीसों घंटे सुनने और समाधान करने के लिए उपलब्ध हूं।
ईज आफ डूइंग बिजनेस में अभी सुधार की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश के प्रयासों की हर ओर सराहना हो रही है, लेकिन हमें अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है। जरूरी है कि निवेश के माहौल को और बेहतर बनाने के लिए हम अपनी नीतियों को और सरल बनाएं। राजस्व संहिता में जरूरी बदलाव के लिए तत्काल निर्णय लें।
योगी आदित्यनाथ ने चेताया कि औद्योगिक परियोजनाओं से संबंधित किसी निर्णय में हीलाहवाली नहीं होनी चाहिए। इन्वेस्ट यूपी और विकास प्राधिकरणों की कार्यशैली को और बेहतर बनाने की जरूरत बताते हुए कहा कि जनहित के आवेदनों को अनावश्यक लंबित न रखा जाए। हर विकास प्राधिकरण अपनी भावी कार्ययोजना तैयार कर ले। लैंडबैंक बढ़ाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाने चाहिए। विकास परियोजनाओं के लिए वितीय स्वीकृतियां अनावश्यक लंबित न रखी जाएं। जारी की जाने वाली धनराशि की हर तीन दिन के अंतराल पर शासन स्तर पर समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी विकास प्रधिकारणों की समीक्षा की जाएगी।
अनंत सभावनाओं वाला प्रदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है। इसकी क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए कभी सही प्रयास नहीं हुए। कोरोना काल में प्रदेश की क्षमता और संकल्प को सबने देखा और सराहा है। जनवरी में 'उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' का आयोजन प्रस्तावित है। इस बार हमारा लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट वर्ष 2027 तक प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगा। औद्योगिक विकास प्रधिकारण, शिक्षा विभाग, पशुपालन, कृषि सहित सभी विभागों को इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सहयोग करना चाहिए।
लंपी वायरस रोकने को मिशन मोड पर करें काम
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लंपी वायरस के प्रति भी आगाह किया। कहा कि कुछ समय से गोवंश पर लंपी वायरस का दुष्प्रभाव देखने को मिला है। इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में काफी पशुधन हानि हुई है। इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा। पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए। संक्रमण के लक्षण दिखें तो उस गोवंश तो तत्काल आइसोलेट किया जाए। तत्काल पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाएं। इसके लिए 17.50 लाख वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई हैं। सभी गोवंश का टीकाकरण समय से हो जाए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष सतर्कता की आवश्कता है। सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में शत-प्रतिशत गोवंश टीकाकरण हो जाना चाहिए।
मंत्री भी करेंगे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि यमुना व चंबल में जलस्तर बढऩे से प्रदेश के 18 जिलों में आम जन के प्रभावित होने की सूचना है। गंगा और बेतवा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि अब सभी जगह जलस्तर में कमी आ रही है। प्रयागराज, वाराणसी, बलिया, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, मीरजापुर, बलिया आदि जिलों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए। प्रभावित क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कैंप करते रहें। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। मंडलीय भ्रमण के लिए जा रहे मंत्री समूह को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दी जाए। मंत्री इन क्षेत्रों में भी भ्रमण करेंगे।
यह भी दिए निर्देश
- जिलाधिकारी स्वयं पहल करते हुए हेल्थ एटीएम की स्थापना के लिए प्रयास करें
- किसी एक प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इसकी स्थापना कराएं, नजदीक के किसी अस्पताल से इसे सम्बद्ध करें
- प्रशिक्षित पैरामेडिक्स की तैनाती करें। हम ऐसा कर सकें तो गांवो में स्वास्थ्य जांच-परीक्षण के लिए बड़ा सुलभ तंत्र विकसित हो सकेगा
- हेल्थ एटीएम के लिए रेडक्रास, जिला खनिज निधि या सीएसआर फंड का उपयोग किया जा सकता है
- सीमा क्षेत्र में बेहतर सुविधाओं के लिए ठोस प्रयास किए जाएं
- पीपीपी मोड पर अस्पताल, माल, मंडी आदि का विकास कराएं
- सड़कों के लिए और बेहतर काम की जरूरत है
प्रदेश सरकार के मंत्री तो मंडलों-जिलों के दौरे कर ही रहे थे, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 'ग्राउंड जीरो' पर हैं। उन्होंने खुद 25 मंडलों की जिम्मेदारी संभाल ली है। इस तरह सरकार के पास 'फीडबैक' भी छन-छनकर आने लगा है।