क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
गाजियाबाद। जिस फ्लैट का नक्शा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) से स्वीकृत नहीं होगा, उसे बिजली कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं। फ्लैट पर बैंक ऋण भी नहीं देंगे। इसके लिए जीडीए के अफसरों ने ऊर्जा निगम और बैंकों को पत्र लिखा है। साथ ही, लोगों से कहा है कि वे फ्लैट खरीदने से पहले यह जरूर मालूम कर लें कि उसका नक्शा स्वीकृत है या नहीं। यह सख्ती इसलिए की गई है क्योंकि हाल में कई ऐसे मामले आए हैं जिनमें बिल्डरों ने बगैर नक्शा पास किए फ्लैट बेच दिए।
पिछले सप्ताह ही यह मामला सामने आया है जिसमें इंदिरापुरम क्षेत्र में एकल यूनिट के आधार पर आवंटित भूखंडों पर तीन फ्लैट का नक्शा पास कराकर नौ फ्लैट बनाकर बिल्डर बेच रहे थे। इस कारण से फ्लैटों में रहने वाले लोगों को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इंदिरापुरम, वसुंधरा और वैशाली क्षेत्र में एक हजार से ज्यादा ऐसे फ्लैट चिन्हित किए गए हैं जिनके नक्शे स्वीकृत नहीं हैं। बिल्डर इन्हें बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले रेड एपल के बिल्डर ने सात मंजिल के नक्शे पर 11 तक के फ्लैट बैच दिए। इसके लिए नक्शों की फर्जी स्वीकृति की गई थी।
जीडीए के प्रवर्तन जोन छह प्रभारी ओएसडी सुशील चौबे ने बिना नक्शा स्वीकृत बने इन फ्लैटों को अवैध मानते हुए ऊर्जा निगम और बैंकों को पत्र लिखकर बिजली कनेक्शन और बैंक लोन देने पर रोक लगाने को कहा है। खास तौर से इंदिरापुरम क्षेत्र की बैंक शाखा स्टेट बैंक आफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसी और लीड बैंक केनरा बैंक आफ इंडिया को पत्र भेजकर अनाधिकृत फ्लैटों पर लोन स्वीकृत नहीं करने को कहा है।
बिल्डर के खिलाफ दी तहरीर
इंदिरापुरम के शक्तिखंड-दो के भूखंड सख्या-2 पर तीन के स्थान पर नौ फ्लैट बनाने वाले बिल्डर श्री फर्स्ट क्लास बिल्डकॉन, शक्तिखंड तीन के भूखंड संख्या 22 पर तपस कुमार वासु को स्वीकृत नक्शे के अलावा बनाए गए फ्लैट को लेकर पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि बिल्डरों के द्वारा गलत तरीके से फ्लैट बनाए जाने से अवस्थापना सुविधाओं (जैसे नाली, सड़क, पार्क, सीवर) पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। संबंधित बिल्डरों के खिलाफ जीडीए द्वारा इंदिरापुरम थाने में तहरीर दी गई है।
सुविधाएं मिलने में होती है परेशानी
अनाधिकृत फ्लैटों के क्रेता को अवैध भवनों में इकाई फ्लैट खरीदने के कारण पार्किंग की समस्या एवं आधारभूत सेवाओं पर असर पडे़गा, जो कि नागरिक सुविधाओं का हनन है। भविष्य में विभिन्न विधिक अड़चन भी पैदा होंगी। अनावश्यक मुकदमेबाजी में मानसिक व आर्थिक उलझनों से फ्लैट खरीदने वाले का उत्पीड़न होगा। जीडीए की ओएसडी का कहना है कि अवैध रूप से फ्लैट बनाने वाले विक्रेता फ्लैट बेचकर गायब हो जाएंगे। इसके अलावा स्वीकृति से अधिक यूनिटों का निर्माण करने से अग्निशमन संबंधी प्रावधानों का भी उल्लंघन किया गया है, जिससे भवन के निवासियों को जानमाल का सदैव खतरा रहेगा।
लीड बैंक प्रबंधक हिमांशु शेखर तिवारी का कहना है कि जीडीए का पत्र मिलने के बाद सभी बैंकों को भेज दिया जाएगा। बिना नक्शा स्वीकृत बैंक से ऋण जारी नहीं किया जाता है।
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता एनके प्रसाद का कहना है कि पत्र मिलने के बाद निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।