सार्वभौमिक बौद्धिक नेता: नरेंद्र मोदी

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141


लेखिका - डॉ कामिनी वर्मा

लखनऊ ( उत्तर प्रदेश )

      भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में युगांतकारी परिवर्तन लाने की भूमिका का निर्वहन करने वाले महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित, देश के कर्मठ, यशस्वी,  उर्जावान प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी से राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रत्यक्ष होने का स्वर्णिम अवसर मिला। दृढ़प्रतिज्ञ, प्रखर वक्ता, लुभावन शैली के व्याख्याता, माननीय मोदी जी को लगातार द्वितीय बार देश के नेतृत्व की कमान हाथ मे लेने तथा जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 एवं 35ए के दायरे को कानून बनाकर सीमित करने के लिए अन्तःकरण से कोटिशःबधाई व शुभकामनाएं। आपके कुशल नेतृत्व व दिशा निर्देशन में देश पुनः जगत गुरु की उपाधि से सुशोभित होगा ऐसी हम सब देशवासियों की कामना है।



बहुमुखी प्रतिभा के धनी, विकास पुरुष की संज्ञा से अभिहित 17 सितंबर 1950 को श्री दामोदर दास मूलचंद मोदी  और श्रीमति हीराबेन के आंगन में अवतरित होकर न सिर्फ गुजरात, अपितु संपूर्ण भारत भूमि को गौरवान्वित किया। गुजराती व हिंदी भाषा में कविता रचने में निपुण, प्रख्यात विद्वान, भारत मे सर्वाधिक नेट प्रयोक्ता नेता है । आप ट्विटर और गूगल प्लस हेश आउट का प्रभावशाली ढंग से प्रयोग करते है।

    7 अक्टूबर से 2001 से 22 मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सुदीर्घ काल तक सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के पश्चात 2014 में देश के नेतृत्व की बागडोर संभाली । 2019के  आम चुनाव में प्रचंड बहुमत प्राप्त करने वाले ,जमीनी स्तर से ऊपर उठकर देश को एकजुट करने वाले, आकर्षक छवि युक्त, करिश्माई व्यक्तित्त्व के धनी , बौद्धिक नेतृत्वकर्ता हैं।

   मूवमेंट* आरम्भ कर जनभागीदारी को विस्तारित किया । आज स्वच्छ भारत अभियान सरकारी कार्यक्रम न रहकर जन आंदोलन का रूप धारण कर चुका है । घर घर शौचालय बनवाकर महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान प्रदान किया । इसी कारण आज शौचालय इज्जतघर का नाम प्राप्त कर चुके है।फिट इण्डिया अभियान देश को स्वस्थ रखकर, निश्चित ही प्रगति के पथ पर अग्रसर करेगा।

   दूरस्थ गाँवो में  घर घर बिजली और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई । गरीबों को  प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अपना घर दिए गए ,उज्ज्वला गैस योजना  के तहत महिलाओं को गैस सिलिंडर व चूल्हा देकर उन्हें बेहतर आरामदायी जीवन प्रदान किया। तीन तलाक के मुद्दे को उठाकर 

पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को गरिमामयी जीवन देने का प्रयास चल रहा है तथा अकेले हज करने जाने की अनुमति भी मिल गयी है। महिलाओं को सशक्त करने के लिए महिला शक्ति केंद्रों का निर्माण करके उन्हें ग्रामीण महिलाओं से जोड़ा है इसके अंतर्गत कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता , स्वास्थ्य सुरक्षा के अवसर प्रदान किये जाएंगे । कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा व भोजन उपलब्ध कराने के लिए 

 वर्किंग वूमेन होस्टल खोले जा रहे हैं ।  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ  योजना  देश के सभी जिलों में लागू की गई। महिला हेल्प लाइन नंबर 181 शुरू करके महिलाओं को  त्वरित सहायता प्रदान की जा रही है तथा मातृत्व योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं व उनके शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए आर्थिक सहायता देकर सशक्त किया जा रहा है । पहली बार अकेली महिला के अस्तित्व को ध्यान में रखते हुए पासपोर्ट में उसके पति या पिता के नाम की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है।