क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
गाजियाबाद। कथित भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी व उसकी पत्नी अनु त्यागी का गाजियाबाद में भी पूरा रुतबा था। श्रीकांत त्यागी ने सिहानी गांव का पता दिखाकर स्वयं चार गनर लिए थे और पत्नी को भी तीन गनर दिलाए थे।
एलआइयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की रिपोर्ट पर शासन ने सुरक्षा स्वीकृत की थी। तत्कालीन जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी व एसएसपी वैभव कृष्ण के कार्यकाल के दौरान शासन ने यह गनर उपलब्ध कराए थे। इनमें से पति-पत्नी को एक-एक गनर जिले से व अन्य गनर शासन से मिले थे।
2020 में सरकार ने वापस लिए गनर
फरवरी 2020 में शासन ने सभी गनर वापस ले लिए थे। तब से गाजियाबाद से श्रीकांत व उसकी पत्नी को कोई गनर नहीं दिया गया था।
खुद की जान को बताया था खतरा
श्रीकांत त्यागी मूलरूप से नोएडा के भंगेल का रहने वाला है, जबकि गाजियाबाद के सिहानी में ननिहाल है। वर्ष 2018 में वह नाना के पते पर रह रहा था और इसी पते पर गनर लिए थे। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में उसने अपने व पत्नी को जान का खतरा बताया था। इस कारण उसे व पत्नी को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी।
पत्नी से हुआ था विवाद
लखनऊ में पत्नी से हुए विवाद में सुर्खियों में आने के बाद फरवरी 2020 में उससे गाजियाबाद से मुहैया कराई गई सुरक्षा वापस ले ली गई थी। तब से गाजियाबाद से उसके व उसकी पत्नी के पास कोई गनर नहीं था। मोदीनगर से भी की थी चुनाव की तैयारी श्रीकांत त्यागी ने मोदीनगर से दो बार चुनाव लड़ने की तैयारी की थी।
भाजपा को कमजोर करने की कोशिश की
2017 के अलावा 2022 के चुनाव में भी मोदीनगर में अपना कार्यालय खोल कर चुनाव लड़ने का मन बनाया था, लेकिन भाजपा ने डा. मंजू शिवाच को टिकट दे दिया। इसके बाद भी श्रीकांत त्यागी ने भाजपा प्रत्याशी को कमजोर करने की भरसक कोशिश की थी।
उसने एक बैठक भी सौंदा फार्म हाउस में बुलाई थी। श्रीकांत त्यागी ने इसमें टिकट न मिलने पर पंचायत कराई और रालोद गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन दिलाने की घोषणा की। माहौल बनाने के लिए श्रीकांत त्यागी अपने साथ पीएसओ भी रखता है। टिकट पाने के लिए यहां किराये का कार्यालय और मकान भी लिया था, लेकिन चुनाव निपटने के बाद श्रीकांत त्यागी के मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र में दर्शन नहीं हुए।
गाजियाबाद के एसएसपी मुनिराज जी. ने बताया कि गाजियाबाद से श्रीकांत त्यागी को कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। पूर्व में उसके पास शासन से सुरक्षा थी जो फरवरी 2020 में वापस ले ली गई थी।