क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
देश की लगभग ढाई करोड़ आबादी रोजाना रेलवे में सफर करती हैं और जनता अपनी यात्रा के लिए ज्यादातर आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुक करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे कंपनी इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी IRCTC के पास यात्रियों का लगभग 100टीबी से ज्यादा डेटा है। इसमें टिकट बुक करने वाले सभी यात्रियों के नाम से लेकर सबी प्राइवेट जानकारियां मौजूद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अब यात्रियों के पर्सनल डेटा को बेचने का प्लान कर रही है जिसके जरिए कंपनी 100 करोड़ रुपए जुटा सके। बता दें कि आईआरसीटीसी ने इसको लेकर एक टेंडर भी जारी कर दिया है। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि ग्राहकों के डेटा प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाएगा। देश की आधी से ज्यादा जनता रेलवे टिकट की बुकिंग आईआरसीटीसी के जरिए ही करती है। जिसके कारण कंपनी के पास यूजर्स का डिजिटल डेटा मौजूद है और अब इसे एक कमाई का जरिया बनाया जा रहा है। आईआरसीटीसी द्वारा जारी किए गए टेंडर में एक कंसलटेंट की नियुक्ति की जाएगी जो यूजर्स के डेटा बेचने के तरीकों पर सुझाव देगा।
कितना सुरक्षित है आपका डेटा
कंपनी द्वारा जारी किए गए इस टेंडर के बाद से ग्राहक अब अपनी प्राइवेसी और सेफ्टी पर सवाल उठा रहे है। साथ ही कई लोगों को ऐसा लग रहा है कि कंपनी यूजर्स के डेटा बेचकर पैसा कमाने की प्लानिंग कर रही हैं। उन्हें डर है कि इस डेटा का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है। हालांकि, कंपनी ने एक बयान जारी कर कह दिया है कि यूजर्स के प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईआरसीटीसी थर्ड पार्टी के साथ ग्राहकों के साथ केवल ट्रैवलिंग पैटर्न, हिस्ट्री और लोकेशन से जुड़े डिटेल ही शेयर करेगी।
यूजर्स के फाइनेंशियल प्राइवेसीका पूरा ध्यान रखते हुए कंपनी न ही ग्राहक के बैंक और ट्रांजैक्शन का डेटा शेयर नहीं करेगी। अगर आप सोच रहे है कि कंपनी ऐसा क्यों कर रही है तो इसका जवाब है कि ग्राहकों की यात्रा को और भी मनोरंजक बनाना। यानि की जब आप अगली बार यात्रा करंगे तो हो सकता है कि आपको कुछ ई-कैटरिंग कंपनियों के नोटिफिकेशन आने लगे जिसके जरिए आप खाना ऑर्डर कर सकते हैं। इससे आपको ट्रेन में बैठे-बैठे कैब बुकिंग करने की भी सुविधा मिल सकती है।