क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 983711714
भूषण ने दलील दी कि उन्होंने कहा है कि तीन प्रकार की मुफ्त की सौगातों पर रोक होनी चाहिए-जो भेदभावपूर्ण हैं अथवा जो मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करती हों, जो लोक नीतियों के खिलाफ हों और जो चुनाव के ठीक पहले पेश की गईं हों। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कई ऐसे राजनीति दल हैं जो राज्य अथवा केन्द्र में सत्ता में नहीं हैं और इस प्रकार के वादे कर रहे हैं। पीठ ने प्रश्न किया कि भारत सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुला सकती है, इस पर मेहता ने कहा कि राजनीतिक दल पहले ही न्यायालय में हैं और दावा कर रहे हैं कि ये उनका अधिकार है। तमाम दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह पूर्व के फैसलों को देखेगी और तीन न्यायाधीशों वाली पीठ गठित करने पर विचार करेगी।