महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम में 11 करोड़ की लागत से बने स्वीमिंग पूल में सिर्फ सितंबर 2018 में एक स्टेट चैंपियनशिप हुई

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

गाजियाबाद, आशीष वाल्डन महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम में 11 करोड़ की लागत से बने स्वीमिंग पूल खुद ही डूबते नजर आ रहे हैं। निर्माण होने के बाद से अब तक ओलंपिक स्तर का मुख्य डीप डायविंग पूल शुरू नहीं हो पाया है। छह फीट गहरे मुख्य प्रोफेशनल स्वीमिंग पूल में पिछले 12 साल में सिर्फ सितंबर 2018 में एक स्टेट चैंपियनशिप हुई है। तब से लेकर अब तक इस पूल में ताला जड़ा हुआ है। वहीं, 21 फीट गहरे डीप डायविंग पूल टूटने लगा है।



करोड़ों की लागत से बने सरकारी पूल की जगह खिलाड़ी प्राइवेट एकेडमी के चक्कर काटने और महंगी फीस भरने को मजबूर हैं। महामाया स्टेडियम में बना स्वीमिंग पूल शुरू से ही विवादों में रहा। 2006 में स्वीमिंग पूल का जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तो इसकी लागत 3.50 करोड़ थी फिर निर्माण कार्य पूरा होने तक इसकी लागत बढ़कर 11 करोड़ हो गई।
एनओसी, कोच और कोरोना के फेर में फंसा पूल:
महामाया स्टेडियम में बना स्वीमिंग पूल 2011 से 2013 तक विभागीय जांच के चलते शुरू नहीं हो सका। फिर जांच में 40 बिंदुओं पर कमियों को दूर होने के बाद स्वीमिंग पूल को खेल विभाग को 2013 में हैंडओवर किया जा सका। फिर 2013 से 2017 तक कोई तैराकी प्रशिक्षक नहीं होने से पूल बंद रहा। 2018 में तैनात हुए खेल अधिकारी खुद स्वीमिंग प्रशिक्षक थे। ऐसे में प्रोफेशनल पूल में सितंबर 2018 में एक प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता के बाद फंड की कमी के चलते फरवरी 2020 तक पूल बंद रहा। फिर कोरोना महामारी के कारण सत्र 2020-21 और 2021-22 में महामाया सहित जनपद के सभी पूल बंद रहे। वर्तमान में भी प्रशिक्षक की जगह लाइफ गार्ड के भरोसे लर्नर पूल चल रहा है।
तीन साल बाद शुरू हुआ छोटा लर्नर पूल
महामाया स्टेडियम में मुख्य दो स्वीमिंग पूल के बराबर में एक लर्नर पूल का निर्माण किया गया। इस पूल का संचालन साल 2017 में शुरू हुआ। फिर 2020 में कोविड के आने के बाद यह पूल भी 2021 तक बंद रहा। 2022 में स्टेडियम में लाइफ गार्ड की नियुक्ति के बाद लर्नर पूल को शुरू किया गया है। वर्तमान में 28 खिलाड़ी लर्नर पूल में तैराकी के गुर सीख रहे हैं।
महंगी फीस भरने को खिलाड़ी हैं मजबूर
खेल विभाग की ओर से 18 वर्ष से कम आयु वर्ग में बालक-बालिकाओं के लिए प्रतिमाह 500 और उससे ऊपर वर्ग में खिलाड़ियों के लिए 800 रुपये प्रतिमाह फीस निर्धारित की गई है। मुख्य डीप डायविंग और प्रोफेशनल पूल बंद होने से खिलाड़ियों को निजी एकेडमी, स्कूलों और सोसायटियों के स्वीमिंग पूल पर निर्भर रहना पड़ता है। यहां खिलाड़ियों से प्रतिमाह 1500 से 2000 रुपये फीस ली जाती है। दूसरी ओर बड़ी संख्या में महानगर के खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए दिल्ली के स्वीमिंग पूल का रुख करते हैं। वर्तमान में प्राइवेट एकेडमी, स्कूलों व सोसायटियों के स्वीमिंग पूल को मिला दें तो करीब 185 पूल का शहर में संचालन हो रहा है।
तकनीकी कमेटी से जांच के बाद कराएंगे शुरू
जिला उपक्रीड़ा अधिकारी पूनम विश्नोई का कहना है कि डीप डायविंग और प्रोफेशनल स्वीमिंग पूल बीते कई सालों से बंद है। लर्नर के बाद दोनों बड़े पूल को शुरू कराने के प्रयास जारी हैं। शुरू कराने से पहले तकनीकी कमेटी से दोनों पूल की जांच कराई जाएगी। कमेटी के सुझाव के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी। वर्तमान में लर्नर पूल का संचालन किया जा रहा है।