क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस की संख्या में बढ़ोतरी हुई। पुलिस को संसाधन उपलब्ध कराए गए। हालांकि अभी भी हर रोज चोरी की घटनाएं हो रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 में लूट के 122 मामले दर्ज किए गए। चोरों ने 415 घरों में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये के कीमती सामान पार कर दिए। बीते साल कुल 2221 चोरियाें की एफआइआर दर्ज हुई।
हर रोज वाहन चोरी
राजधानी में वाहन चोरी के मामले सबसे ज्यादा हैं। वर्ष 2021 में चोरों ने 1113 वाहन पार कर दिए। वर्ष 2018-19 में सर्वाधिक 2113 गाड़ियां चाेरी हुईं, जबकि वर्ष 2019-20 में 1344 मामले दर्ज किए गए। पुलिस वाहन चोरों को गिरफ्तार तो करती है, लेकिन उनके पास से बड़ी संख्या में चोरी की गाड़ियां बरामद नहीं कर पाती। वाहन चोर गिरोह नेपाल और बिहार में गाड़ियाें को बेच देते हैं। कई बार चोरों की फुटेज भी पुलिस के पास होती है, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पाती।
थानों का चक्कर लगाते हैं पीड़ित
वाहन चोरी की सूचना देने पर डायल 112 की गाड़ी पहुंचती है। मौके का निरीक्षण कर पुलिसकर्मी थाने जाकर शिकायत करने की बात कहते हैं। पीड़ित थाने या संबंधित पुलिस चौकी पर जाते हैं तो उनसे प्रार्थना पत्र ले लिया जाता है। पहले एफआइआर दर्ज कराने के लिए पीड़ित को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट अथवा चार्जशीट की कापी लेने के लिए थाने का चक्कर काटना पड़ता है।
- वर्ष कुल चोरी संपत्ति बरामदगी
- 2018-19 37,10,98,097 6,0002,569
- 2019-20 31,04,96,575 9,58,49,193
- 2020-21 27,25,28,144 24,01,80,711