आम लोगों को राहत नहीं, खाने-पीने की चीजों के महंगे होने से खुदरा महंगाई अगस्त में बढ़कर 7% हुई

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

retail inflation
जुलाई के महीने में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर आ गई थी। जबकि जून में यह 7.01 फीसदी रही थी। 2022 में 7.04 फीसदी तो अप्रैल में 7.79 फीसदी खुदरा महंगाई दर रही थी जो कि बीते कई महीनों का सबसे उच्चतम स्तर था।

देश में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अगस्त के महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई है। जुलाई में ये आंकड़ा 6.71 प्रतिशत था। जुलाई के महीने में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर आ गई थी। जबकि जून में यह 7.01 फीसदी रही थी। 2022 में 7.04 फीसदी तो अप्रैल में 7.79 फीसदी खुदरा महंगाई दर रही थी जो कि बीते कई महीनों का सबसे उच्चतम स्तर था। 


कैसे प्रभावित करती है महंगाई?

महंगाई का सीधा संबंध खरीद से जुड़ा है। उदाहरण के लिए अगर महंगाई दर 7 प्रतिशत है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य केवल 93 रुपये ही होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना उचित होता है। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो सकती है।

फिर से रेपो रेट में होगी बढ़ोतरी?

 खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लिमिट 6 फीसदी से ऊपर बना हुआ है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 28 से 30 सितंबर तक होगी। 30 सितंबर को आरबीआई ब्याज दरों को लेकर अपना रूख साफ करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि आरबीआई फिर से रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। रेपो रेट को 5.40 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी किया जा सकता है।