क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
शाकाहारी लोगों के लिए दालों को प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत माना गया है। इतना ही नहीं, दालें फाइबर रिच फूड है, जिसके कारण यह आपको लंबे समय तक फुल होने का अहसास करवाती हैं। वहीं, वेट लॉस डाइट में भी दालों को जरूर शामिल किया जाता है। लेकिन इनके साथ एक समस्या यह होती है कि यह पेट में गैस बनने का कारण भी बनती है। दाल और बीन्स के फाइबर रिच होने के कारण बहुत से लोगों को दाल खाने के बाद पाचन संबंधी परेशानी का अनुभव होता है। ऐसे में व्यक्ति को बहुत अधिक असहजता का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको उन दालों के बारे में बता रहे हैं, जो पेट में गैस की समस्या को बढ़ा सकते हैं। साथ ही, हम इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय भी बताएंगे-
दाल से गैस क्यों बनती है?
दाल से गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे-
- कुछ कार्बोहाइड्रेट पेट और छोटी आंत में अच्छी तरह से नहीं टूटते हैं, और वे बड़ी आंत में फरमेंट हो सकते हैं। फरमेंटेशन गैस का उत्पादन करता है। अधिकांश दालों व बीन्स में 2 प्रकार के कार्बोहाइड्रेट होते हैं जिन्हें तोड़ना मुश्किल होता है। ऐसे में वह बड़ी आंत में फरमेंट होते हैं और गैस बनती है।
- वहीं, दाल में फाइबर युक्त सामग्री भी पेट फूलने का एक कारण है। बहुत से लोग अपने फाइबर सेवन में वृद्धि करने पर पेट में गैस का दर्द अनुभव करते हैं। लेकिन इस स्थिति में अंततः आपका शरीर अतिरिक्त फाइबर के लिए समायोजित हो जाएगा और दाल उतनी गैस का कारण नहीं बनेगी।
- दाल में एफओडीएमएपी कंटेंट अधिक पाया जाता है। यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अप्रैल 2016 के अध्ययन के अनुसार, कम एफओडीएमएपी आहार आईबीएस के लक्षणों में सुधार कर सकता है क्योंकि यह उन खाद्य पदार्थों को प्रतिबंधित करता है जो सूजन और गैस का कारण बनते हैं।
- दाल में गैस बनने का एक दुर्लभ कारण इनटॉलरेंस या एलर्जी भी हो सकता है। दाल व बीन्स के प्रति संवेदनशीलता गैस जैसे विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों का कारण बन सकती है। बता दें कि सोया एलर्जी वाले लोग दाल व अन्य फलियों के कारण समस्या का सामना कर सकते हैं।
किन दालों से हो सकती है गैस?
यकीनन दाल व बीन्स गैस का कारण बन सकती हैं। उड़द, राजमा, मसूर, सफेद चने आदि की दाल खाने से कुछ लोगों में पेट में गैस की शिकायत हो सकती है। ऐसे में आप कोशिश करें कि हल्के रंग की दाल को डाइट का हिस्सा बनाएं। दरअसल, हल्के रंग की दाल में आमतौर पर गहरे रंग की तुलना में फाइबर कम होता है और इसलिए पेट में गैस कम होती है।
यूं दूर करें गैस की समस्या
अगर आपको दाल खाने से गैस की समस्या होती है तो कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान दें।
- दाल को हमेशा भिगोकर इस्तेमाल करें। साथ ही भिगोए गए पानी को फेंक दें। पकाने से पहले इसे ताजे पानी से बदल दें।
- दालों को अंकुरित करके खाने से उनके पोषक तत्वों में वृद्धि होती है और गैस की समस्या से बचाव होता है।
- कभी भी प्याज, लहसुन, ब्रोकोली, गोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, या फूलगोभी जैसे अन्य गैस उत्पादक खाद्य पदार्थों के साथ इसे मिक्स करके सेवन करने से बचें।
- बासी दाल को खाने से भी गैस की समस्या हो सकती है।