क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
हरनंदी नदी की जमीन पर अतिक्रमण का मुद्दा दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया गया था, 19 जुलाई 2022 को नदी की जमीन पर बने मकान, उगाई जा रही फसल शीर्षक से खबर भी प्रकाशित की गई थी। गाजियाबाद के विजयनगर स्थित सजवान नगर और मिट्ठेपुर हरंनदी नदी के पास स्थित है। यहां पर कई मकान ऐसे हैं, जो कि नदी की जमीन पर बना लिए गए हैं।नदी की जमीन पर बने मकानों के संबंध में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने एसडीएम सदर और तहसील प्रशासन को कार्यवाही के निर्देश दिए थे। एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह ने बताया कि लगभग 115 से अधिक लोगों को नदी की जमीन से बेदखली के नोटिस उनकी ओर से जारी किए जा चुके हैं। जिन लोगों का नदी पर कब्जा है और अब तक उनको नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है, उनको जल्द ही नोटिस दिया जाएगा। नदी की जमीन को खाली कराने के लिए शासन के निर्देश पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
अतिक्रमण के कारण 30 मीटर चौड़ी रह गई है हरनंदी
शासन ने हाल ही में हरनंदी नदी का सर्वे कराया था। सर्वे टीम ने बताया था कि सहारनपुर में हरनंदी की चौड़ाई 300 मीटर है लेकिन गाजियाबाद में कई स्थानों पर चौड़ाई घटकर महज 30 मीटर तक रह गई है। नदी की जमीन पर कब्जा कर खेती की जा रही है, मकान बनाए गए हैं। सर्वे में देहात से लेकर शहरी क्षेत्र तक हरनंदी पर अतिक्रमण की बात सामने आई है।
जिन्होंने कब्जा कराया उन पर कार्रवाई कब
जिला प्रशासन की ओर से हरंनदी की जमीन पर कब्जा करने वाले 115 से अधिक लोगों को जमीन से बेदखली के नोटिस तो जारी कर दिए गए हैं, लेकिन उन अधिकारियों और भू-माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिन्होंने नदी पर कब्जा कराया या फिर नदी पर कब्जा करने वालों को अपना संरक्षण प्रदान किया।
इतना ही नहीं यहां पर रहने वाले लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ भी दिलाया जा रहा है। ज्यादातर लोगों ने पिछले 20 साल में जमीन पर कब्जा कर बिक्री की है। नदी की जमीन को भूमाफिया द्वारा अपनी जमीन बताकर बेचा गया है।