Lata Mangeshkar इस वजह से ताउम्र रहीं कुंवारी, अकेले निभाई घर की जिम्मेदारी

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

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लता मंगेशकर अपने सिंगर होने का श्रेय हमेशा अपने पिता को देती थी। क्योंकि उन्होंने संगीत अपने पिता से ही सीखा था। लता के पिता दीनानाथ मंगेशकर को काफी समय तक पता ही नहीं थी कि उनकी बेटी गा भी सकती है।
स्वर कोकिला और भारत रत्न स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने 36 भारतीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए हैं। महज 11 साल की उम्र से ही उनके गाना गाने की शुरूआत हो गई थी। उन्होंने 1943 में मराठी फिल्म गजाभाऊ में हिन्ही गाना माता एक सपूत की दुनिया बदल दे गाया था। बता दें कि यह लता का पहला गाना था। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड के साथ-साथ उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। अपने सरल और निर्मल स्वभाव के कारण ही लता जी को दीदी कहकर पुकारा जाता था। आइये जानते है लता जी से जुड़ी कुछ अनकहे किस्सों के बारे में।

क्यों नहीं की कभी शादी

हर फैंस के जहन में ये सवाल तो होगा कि आखिर लता जी ने किसी से शादी क्यों नहीं की? कहते हैं लता मंगेशकर को कभी किसी से प्यार हुआ था लेकिन ये लवटस्टोरी अधूरी ही रह गई और यहीं कारण है कि लता ने शादी नहीं की। खबरों के माने तो लता मंगेशकर को डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह से प्यार हो गया था। राज, लता के भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर के दोस्त थे। कहा जाता है कि राज ने अपने माता-पिता से वादा किया था कि वह किसी भी आम घर की लड़की को उनके घराने की बहू नहीं बनाएंगे। राज ने ये वादा मरते दम तक निभाया। वहीं लता के ऊपर घर की पूरी जिम्मेदारी थी और इसलिए उन्होंने कभी शादी नहीं की और लता की तरह राज भी जीवन भर अविवाहित रहे। राज, लता से 6 साल बड़े थे और राज को क्रिकेट का बहुत शौक था और इसलिए वे कई सालों तक बीसीसीआई से जुड़े रहे। 


लता को मिट्ठू कहकर पुकारते थे

आपको बता दें कि महाराजा प्यार से लता को मिट्ठू कहकर बुलाते थे और उनके जेब में हमेशा एक टेप रिकॉर्डर रहता था जिसमें वह लता के चुनिंदा गाने सुनते थे। बता दें कि लता का नाम राज सिंह के अलावा किसी और के साथ नहीं जुड़ा। लता मंगेशकर ने छोटी बहन को पढ़ाने के लिए खुद की पढ़ाई छोड़ी दी थी। अपने पिता के साथ मराठी संगीत नाटक में काम कर रही लता ने 14 साल की उम्र में बड़े कार्यक्रमों में अभिनय करना शुरू कर दिया था। लता अपने सभी भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी।

लता को अपने पिता के सामने गाना गाने में लगता था डर

लता मंगेशकर अपने सिंगर होने का श्रेय हमेशा अपने पिता को देती थी। क्योंकि उन्होंने संगीत अपने पिता से ही सीखा था। लता के पिता दीनानाथ मंगेशकर को काफी समय तक पता ही नहीं थी कि उनकी बेटी गा भी सकती है। लता को उनके सामने गाने में भी डर लगता था। एक बार जब लता के पिता के शिष्य चंद्रकांत गोखले रियाज कर रहे थे और लता के पिता किसी काम से बाहर गए हुए थे। तब लता ने गोखले को कहा था कि वह गलत गा रहे हैं और लता ने गोखले को गाकर सही से गाने का तरीका बताया था। पिता जब काम से लौटे तो उन्होंने लता से फिर गाने को कहा। लता ने गाया और वहां से भाग गईं थी।

जब पिता की भविष्यवाणी हुई सच

जब पिता को पता चला कि लता गाती है तो उसके बाद वह पिता से संगीत सीखने लगी। छोटे भाई हृदयनाथ केवल चार साल के थे जब पिता की मौत हो गई। उनके पिता ने बेटी को भले ही गायिका बनते नहीं देखा हो, लेकिन लता के लिए पहले से ही बड़ी भविष्यवाणी कर चुके थे। लता के मुताबिक, उनके पिता ने भविष्यवाणी कर दी थी कि वो बहुत सफल होंगी और लता जी ये मानती थी कि अगर उनके पिता जिंदा होते तो वे गायिका कभी नहीं बन पाती क्योंकि संगीतकार बनने की इजाजत उन्हें कभी भी नहीं मिलती।