क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
उदाहरण के तौर पर हम गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ जैसे शहरों को ले सकते हैं। ऐसे में अगर लखनऊ के आसपास के क्षेत्रों को इस आधार पर विकसित किया जाएगा तो वहां के लोगों को बड़े फायदे होंगे। इसे योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक के कानपुर, उन्नाव-शुक्लागंज और बाराबंकी को इसमें शामिल किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के विकास हो जाने के बाद यहां नई और बड़ी योजनाओं का विस्तार हो सकता है। इतना ही नहीं, इस परियोजना के तहत कानपुर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए भी पहल की जा रही है। खबर यह है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन चिन्हित करने के भी निर्देश दे दिए गए हैं। राज्य राजधानी क्षेत्र विकसित हो जाने के बाद आसपास के शहरों से कनेक्टिविटी भी बेहतर हो सकती है। इसके अलावा निवेश के भी बेहतर विकल्प खुल सकेंगे।
बताया जा रहा है कि पहले चरण में राज्य सरकार लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा को विस्तार करने के बारे में सोच रही है। इसके लिए योजनाएं भी तैयार की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो लखनऊ विकास प्राधिकरण का क्षेत्र लगभग 3 गुना बढ़ जाएगा। वर्तमान में लखनऊ विकास प्राधिकरण का क्षेत्रफल 1051 वर्ग किलोमीटर है। इस योजना के लागू हो जाने के बाद यह बढ़कर 3091 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। आवास विभाग अधिकारियों के मुताबिक के लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा बढ़ाने के साथ ही एससीआर बनाने की भी दिशा में काम शुरू किया जा चुका है। इस संबंध में एक प्रेजेंटेशन तैयार किया गया है जो कि उच्च अधिकारियों को दिखाया जा चुका है। प्रस्तावित एससीआर के तहत आने वाले जिलों के अधिकारियों को भूमि बैंक भी बनाने के लिए कहा गया है। इसका इस्तेमाल इन जिलों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए किया जा सकेगा।