क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
पीएम किसान निधि देश के किसानों को लाभ पहुंचाने वाली सबसे बड़ी योजना है। देश के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी बड़ी संख्या में लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऐसे 21 लाख अपात्र लोगों की सूची तैयार कर ली है जोकि लम्बे समय से पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं।
जनकल्याकारी योजनाओं में घपला
उत्तर प्रदेश के कृषि व किसान कल्याण मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश की सबसे बड़ी जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक है। योजना में बीते कुछ समय से काफी घपला किया गया है। जिसके तहत अपात्र लाभार्थी योजना का लाभ उठा रहे हैं। जिनकी इन दिनों पहचान की जा रही है। उत्तर प्रदेश में भी 21 लाख अपात्र की पहचान हुई है। यह सभी पीएम किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली किस्त का लाभ उठा रहे थे।
अपात्र लाभार्थियों से होगी वसूली
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पीएम किसान निधि का लाभ लेने वाले प्रदेश में चयनित 21 लाख किसान जांच में अपात्र पाए गए हैं। इन लोगों में ऐसे कई शामिल हैं, जो इनकम टैक्स फाइल करते थे। कई पति तथा पत्नी भी हैं, जो किस्त का लाभ ले रहे थे। सभी की सूची बन गई है। पीएम किसान सम्मान निधि का दुरुपयोग करने वाले या अपात्र लाभार्थियों से से अब किस्त वसूली जाएगी। जिसके तहत ऐसे अपात्र लोगों को अभी तक पीएम किसान सम्मान निधि के तहत हुए भुगतान का बकाया चुकाना होगा।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत केन्द्र सरकार पंजीकृत किसानों के खातों में हर वर्ष छह हजार रुपये भेजती है। एक वर्ष में दो-दो हजार रुपया की तीन किस्त किसानों के खातों में भेजी जाती है। अभी तक केंद्र सरकार 11 किस्तें किसानों के खातों में भेज चुकी है।
उत्तर प्रदेश में जारी है जांच
उत्तर प्रदेश में अभी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अन्य अपात्र लाभार्थियों की पहचान हो सकती है। जिसकी जांच जारी है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 2.85 करोड़ किसान पंजीकृत हैं। इसमें से 1.71 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं। जिसमें से 21 लाख अपात्र लाभार्थी की पहचान हुई है। अभी भी एक करोड़ से अधिक लाभार्थिंयों का सत्यापन करना अभी होना है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी अन्य अपात्र लाभार्थियों की पहचान हो सकती है। इसके बाद इन सबसे भी वसूली की जाएगी।