क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
ऐसी मान्यता है कि अगर घर में पूजा घर सही जगह पर नहीं बनाया जाता है तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और पूजा का उचित फल नहीं मिलता है। पूजा का स्थान पूजा घर है जिसे घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इसलिए पूजा घर बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन अवश्य करें। आइए जानते हैं कि पूजा कहां होना चाहिए और पूजा घर बनाते समय किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए-
पूजा घर की सही स्थिति और दिशा
पूजा घर को कभी भी बेडरूम में सीढ़ियों के नीचे, किचन या बाथरूम के आसपास नहीं बनवाना चाहिए। इसके अलावा घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में पूजा का निर्माण न करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा देव के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि इस दिशा में ऊर्जा का भंडार होता है और इसे देव दिशा के रूप में भी जाना जाता है। अगर किसी कारण से इस दिशा में पूजा बनाना संभव नहीं है तो आप घर के उत्तर या पूर्व दिशा में भी पूजा बना सकते हैं।
पूजा घर को स्टोर रूम न बनाएं
कुछ लोग सोचते हैं कि पूजा घर में जगह हो तो उसमें चीजें रखी जा सकती हैं। तो कुछ लोग घर का राशन, किताबें, कपड़े या अन्य चीजें वहीं रखते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल न करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मकता नहीं आती है। साथ ही पूजा घर में पितरों का चित्र नहीं लगाना चाहिए।